सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा मामले से एक और सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने किनारा कर लिया है। पहले चीफ जस्टिस गोगोई फिर तीन जज एनवी रमना, बीआर गवई और आर सुभाष रेड्डी और अब जस्टिस रविंद्र भट ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया।
बांबे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली गौतम नवलखा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है। भीमा कोरेगांव मामले में पुणे पुलिस द्वारा नवलखा पर दर्ज किए गए मामले को खारिज करने से बांबे हाई कोर्ट ने इंकार कर दिया था जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
तीन जजों जस्टिस अरुण मिश्रा, विनीत शरण और एस रविंद्र भट की बेंच के पास सुनवाई के लिए यह मामला है। इस मामले से जस्टिस भट ने खुद को हटा लिया जिसके बाद कोर्ट ने अन्य बेंच के पास इस मामले को भेजा है।
बता दें कि तीसरी बार ऐसा हुआ है। 1 अक्टूबर को तीन जजों एनवी रमना, बीआर गवई और आर सुभाष रेड्डी ने खुद को इस मामले से अलग किया था इसके पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने किनारा पकड़ा था। 13 सितंबर को बांबे हाई कोर्ट ने नवलखा की याचिका खारिज की थी। याचिका में उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए पुणे पुलिस के मामले को खारिज करने की मांग की थी।